Bharat ke Antim Mugal Shasak 

बहादुर शाह द्वितीय, जिन्हें बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से भी जाना जाता है, भारत के अंतिम मुग़ल सम्राट थे। उनका जन्म 24 अक्टूबर 1775 को हुआ था और वह 1837 में गद्दी पर बैठे। उनका पूरा नाम अबू जफर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह जफर था।

Bhadur Shas zafar

बहादुर शाह ज़फ़र को अक्सर 1857 के भारतीय विद्रोह में उनकी भागीदारी के लिए याद किया जाता है, जिसे सिपाही विद्रोह या भारतीय स्वतंत्रता का पहला युद्ध भी कहा जाता है।

बहादुर शाह जफर का जीवन मुगल साम्राज्य के पतन और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बढ़ते प्रभाव से चिह्नित था।

बहादुर शाह जफर का जीवन मुगल साम्राज्य के पतन और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के बढ़ते प्रभाव से चिह्नित था।

पकड़े जाने के बाद, बहादुर शाह ज़फ़र को पहले दिल्ली में कैद किया गया और फिर ब्रिटिश-नियंत्रित बर्मा में रंगून (यांगून) में निर्वासित कर दिया गया।

निर्वासन के दौरान उनका स्वास्थ्य ख़राब हो गया और वे अपेक्षाकृत अज्ञातवास में रहने लगे। 7 नवंबर 1862 को 87 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। रंगून में उनकी कब्र एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल बनी हुई है।

जबकि 1857 के भारतीय विद्रोह में बहादुर शाह ज़फ़र की भूमिका सीमित थी, वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक बन गए।

उनका जन्म 24 अक्टूबर 1775 को हुआ था और वह 1837 में सिंहासन पर बैठे।

बहादुर शाह द्वितीय, जिन्हें बहादुर शाह ज़फ़र के नाम से भी जाना जाता है, भारत के अंतिम मुग़ल सम्राट थे। उनका जन्म 24 अक्टूबर, 1775 को हुआ था